Saturday, December 31, 2011

नये साल की कविता...स्वागत 2012


















एक शुभचिंतक ने नव-वर्ष पर एकाग्र
सुन्दर कविता भेजी।कवि का नाम तो दर्ज़ नहीं था
लेकिन भाव कुछ इतने अदभुत हैं कि उसे
आपके साथ साझा करने का मन चाहा।

मैं भी अपनी ओर से आपको २०१२ के मंगलमय
होने की कामना करती हूँ.


वर्ष आया ,नया वर्ष आया !!


अरे क्या सुना ,क्या किसी ने सुनाया,
हवा ने मेरे कान, कुछ भुनभुनाया,
मयूरा मना जोर से खिलखिलाया ,
नया वर्ष आया, नया वर्ष आया....!!

नयी शक्ति जागृत नयी कामना है
नए मार्ग पर तीव्र संभावना है,
बढ़ो बस यही वक्त की चाहना है,
ये ही कर्म देवी की आराधना है,
यही तथ्य गतवर्ष ने गुनगुनाया .
नया वर्ष आया ,नया वर्ष आया..!!

पढ़े हर कोई अन् पढ़ा जन ना छूटे
मिटे अँधियारा किरण ज्ञान फूटे,
सभी कर कलम हों ना रगड़े अंगूठे,
महाजन किसानो का हक अब ना खूँटें,
नया वर्ष साक्षर बिगुल है बजाया !
नया वर्ष आया नया वर्ष आया...!!

सभी रोग मिट जाएँ, विकसित हों टीकें,
नीरोगी सभी जिंदगी ठीक बीते,
ना बच्चा कोई और खांसे व छींके ,
रहे चंग सब पोलियो ड्रॉप पीके,
नए वर्ष ने स्वस्थ भारत दिखाया!
नया वर्ष आया नया वर्ष आया...!!

नए ऊँचे महलें नए कुछ भवन हों
नए फैशनो के नए पैरहन हों.
नए वाहनों के नए से चमन हों,
नए अर्ज धन के व्यवस्थित जतन हों,
नए वर्ष ने कुछ नया ही सिखाया
नया वर्ष आया नया वर्ष आया..!!

अमीरी बढे पर गरीबी बढे मत,
किसी के बदन पर कोई ऋण चढ़े मत,
कोई भी किसी से कभी भी लड़े मत ,
दहेजी बलि भेंट बेटी चढ़े मत.
नए वर्ष का कंठ क्यों रूंध आया
नया वर्ष आया नया वर्ष आया...!!

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